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सफलता के लिए एक आदर्श व्यक्तित्व का निर्माण करें (भाग 1)

June 25, 2024

सफलता के लिए एक आदर्श व्यक्तित्व का निर्माण करें (भाग 1)

अनेक प्रकार की परिस्थितियों से भरा जीवन जीना और अलग-अलग तरीके के लोगों से मिलना; अपने साथ कुछ चैलेंजेस और स्वयं के व्यक्तित्व को बदलने की जरूरत भी पैदा कर सकता है। साथ ही, पर्सनल लेवल पर हमें अपनी ताकत और कौशल को बढ़ाने की भी जरूरत होती है ताकि हम खुद को हर परिस्थिति में ढाल सकें। इसके अलावा, अलग-अलग तरह की व्यक्तित्व विशेषताएं जो हमारे अंदर नहीं हैं, उन्हें विकसित करने के साथ ही हमें अपनी नेगेटिव व्यक्तित्व विशेषताओं पर काम करके उन्हें पूरी तरह से दूर करने की भी आवश्यकता है। क्योंकि ये नकारात्मक पहलू हमारे ऊपर नकारात्मक प्रभाव तो डालते ही हैं साथ ही हमारे संबंधों में अस्थिरता भी पैदा करते हैं। जिसका कारण है कि हमारी रियल शक्तियों और गुणों का मिसिंग होना, जिनकी समय-समय पर आवश्यकता होती है लेकिन हम उन्हें सही समय पर अपने मन, वाणी और कर्मों में इमर्ज नहीं कर पाते हैं, इसके लिए सबसे पहले उन्हें पहचानने की जरूरत है। फिर मेडिटेशन और आध्यात्मिक ज्ञान जैसी मन को सशक्त करने वाले तरीकों का उपयोग करके, उन शक्तियों और गुणों को हम अपने स्वभाव का हिस्सा बना सकते हैं।

 

किसी भी कठिन परिस्थिति में सबसे पहली और सबसे महत्वपूर्ण शक्ति है स्वयं को परिवर्तन करने की शक्ति या स्थिति को देखते हुए स्वयं की सोच में सकारात्मक परिवर्तन लाना। उसके बाद, पॉजीटिव थॉट्स की चेन क्रिएट करना ताकि परिस्थिति या किसी भी नकारात्मक दृश्य में मन को हारने न देना, जोकि उस समय सबसे मुश्किल प्रतीत होता है। ये ही आध्यात्मिक शक्ति को कार्य व्यवहार में लाना होता है। साथ ही, शुभकामनाओं की शक्ति का प्रयोग हमें उन लोगों के साथ शांति और सद्भावना लाने के लिए करना चाहिए जिनके साथ हमारे रिश्ते सकारात्मक नहीं हैं। ये शुभकामनाएँ हमारे गुण हैं जो हमें विनम्र बनाते हैं और प्रेम से भरपूर करते हैं। इसलिए, जितना अधिक हम स्वयं में गुणों और शक्तियों को धारण करेंगे, उतना ही अधिक हम संपूर्ण और आध्यात्मिक रूप से कुशल होंगे साथ ही, उतना ही अधिक सफल भी होंगे।

(कल जारी रहेगा….)

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